Sunday, July 11, 2010

करियर में तरक्की का मूल मंत्र

करियर में तरक्की का मूल मंत्र क्या है? जब यह सवाल एक वैश्विक सर्वेक्षण में भारत के नौकरीपेशा युवाओं से पूछा गया, तो अधिकांश ने कहा कि जल्दी-जल्दी कंपनी बदलते रहना ही तरक्की का सटीक फाम‌रू्रला है।

दुनिया में सर्वाधिक 56 फीसदी भारतीय नौकरीपेशा युवाओं ने कहा कि करियर में तरक्की के लिए अच्छा तरीका, मौका देखकर 'स्विच' करना [कंपनी बदल देना] है। सर्वे में दुनिया के चुनिंदा देशों के 25 से 35 साल के आयुवर्ग के नौकरीपेशा युवाओं से राय जानी गई। नौकरी बदल कर तरक्की पाने की सोचने वाले युवाओं का आंकड़ा अमेरिका में 43 फीसदी, ब्रिटेन में 41 फीसदी, ब्राजील में 39, चीन में 38 और जर्मनी में 37 फीसदी रहा।

सर्वे में, एक ही संस्थान में नौकरी करते रहने और इसी से संतुष्ट रहने वाले युवाओं का प्रतिशत भारत में सबसे कम निकलकर आया। यही हालात चीन में भी हैं।

नवंबर 2009 से जनवरी 2010 के बीच कराए गए इस अध्ययन में यह तथ्य सामने आया कि करियर में तरक्की और बेहतर बदलाव के लिए युवाओं में मुख्य रूप से सात कारक प्रेरक का काम करते हैं। इनमें पहला, ज्यादा से ज्यादा कमाने की चाहत। दूसरा, बेहतर प्रदर्शन के लिए अपनी कार्यकुशलता और योग्यता में वृद्धि करना। तीसरा, ऊंचा ओहदा और रुतबा हासिल करना। चौथा, वरिष्ठता और नेतृत्व की भूमिका में आना। पांचवां, अन्य क्षेत्र की नौकरी पाने के लिए भी योग्यता हासिल करना। छंठा, एक बेहतर भविष्य के लिए पुख्ता रास्ता तैयार करना और सातवां, बेहतर करियर के लिए एक विकल्प हमेशा तैयार रखना।

अध्ययन में पाया गया कि इन कारकों में से पहला कारक यानी अधिक से अधिक कमाई करने की चाहत, दुनियाभर के युवाओं को जल्द से जल्द नौकरी बदलने और सदैव अवसर की तलाश में रहने के लिए प्रेरित करता है। इस मामले में ब्रिटेन के युवाओं का सोचना हालांकि कुछ अलग है। ब्रिटिश युवा बेहतर प्रदर्शन के लिए अपनी कार्यकुशलता और योग्यता में वृद्धि करने पर जोर देते हैं।

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