Monday, June 28, 2010
Tuesday, June 22, 2010
Resources
Thursday, June 17, 2010
Top 15 Ways to Extend Your Laptop’s Battery Life
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Laptops tend to lose their charm quickly when you’re constantly looking for the nearest power outlet to charge up. How do you keep your battery going for as long as possible? Here are 15 easy ways to do so.
1. Defrag regularly - The faster your hard drive does its work – less demand you are going to put on the hard drive and your battery. Make your hard drive as efficient as possible by defragging it regularly. (but not while it’s on battery of course!) Mac OSX is better built to handle fragmentation so it may not be very applicable for Apple systems.
2. Dim your screen – Most laptops come with the ability to dim your laptop screen. Some even come with ways to modify CPU and cooling performance. Cut them down to the lowest level you can tolerate to squeeze out some extra battery juice.
3. Cut down on programs running in the background. Itunes, Desktop Search, etc. All these add to the CPU load and cut down battery life. Shut down everything that isn’t crucial when you’re on battery.
4. Cut down external devices – USB devices (including your mouse) & WiFi drain down your laptop battery. Remove or shut them down when not in use. It goes without saying that charging other devices (like your iPod) with your laptop when on battery is a surefire way of quickly wiping out the charge on your laptop battery.
5. Add more RAM - This will allow you to process more with the memory your laptop has, rather than relying on virtual memory. Virtual memory results in hard drive use, and is much less power efficient. Note that adding more RAM will consume more energy, so this is most applicable if you do need to run memory intensive programs which actually require heavy usage of virtual memory.
6. Run off a hard drive rather than CD/DVD - As power consuming as hard drives are, CD and DVD drives are worse. Even having one in the drive can be power consuming. They spin, taking power, even when they?re not actively being used. Wherever possible, try to run on virtual drives using programs like Alcohol 120% rather than optical ones.
7. Keep the battery contacts clean: Clean your battery’s metal contacts every couple of months with a cloth moistened with rubbing alcohol. This keeps the transfer of power from your battery more efficient.
8. Take care of your battery – Exercise the Battery. Do not leave a charged battery dormant for long periods of time. Once charged, you should at least use the battery at least once every two to three weeks. Also, do not let a Li-On battery completely discharge. (Discharing is only for older batteries with memory effects)
9. Hibernate not standby – Although placing a laptop in standby mode saves some power and you can instantly resume where you left off, it doesn’t save anywhere as much power as the hibernate function does. Hibernating a PC will actually save your PC’s state as it is, and completely shut itself down.
10. Keep operating temperature down - Your laptop operates more efficiently when it’s cooler. Clean out your air vents with a cloth or keyboard cleaner, or refer to some extra tips by LapTopMag.com.
11. Set up and optimize your power options – Go to ‘Power Options’ in your windows control panel and set it up so that power usage is optimized (Select the ‘max battery’ for maximum effect).
12. Don’t multitask – Do one thing at a time when you’re on battery. Rather than working on a spreadsheet, letting your email client run in the background and listening to your latest set of MP3’s, set your mind to one thing only. If you don’t you’ll only drain out your batteries before anything gets completed!
13. Go easy on the PC demands – The more you demand from your PC. Passive activities like email and word processing consume much less power than gaming or playing a DVD. If you’ve got a single battery charge – pick your priorities wisely.
14. Get yourself a more efficient laptop - Laptops are getting more and more efficient in nature to the point where some manufacturers are talking about all day long batteries. Picking up a newer more efficient laptop to replace an aging one is usually a quick fix.
15. Prevent the Memory Effect - If you’re using a very old laptop, you’ll want to prevent the ‘memory effect’ – Keep the battery healthy by fully charging and then fully discharging it at least once every two to three weeks. Exceptions to the rule are Li-Ion batteries (which most laptops have) which do not suffer from the memory effect.
Bonus Tip #1: Turn off the autosave function. MS-Word’s and Excel’s autosave functions are great but because they keep saving regular intervals, they work your hard driver harder than it may have to. If you plan to do this, you may want to turn it back on as the battery runs low. While it saves battery life in the beginning, you will want to make sure your work is saved when your battery dies.
Bonus Tip #2: Lower the graphics use. You can do this by changing the screen resolution and shutting off fancy graphic drivers. Graphics cards (video cards) use as much or more power today as hard disks – Thanks
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Saturday, June 12, 2010
Thursday, June 10, 2010
रेडियो श्रोताओं के लिए
http://onlinetps.com/resources/AIR_radio_frequency_list.htm
Sunday, June 6, 2010
Docx फाइल को आसानी से अन्य फोर्मेट में बदलें
माइक्रोसोफ्ट ऑफिस 2007 ने एक नए फाइल फोर्मेट docx समाहित किया है. यह फाइल फोर्मेट माइक्रोसोफ्ट का ओपन ऑफिस एक्स.एम.एल. फोर्मेट है, यानि इस फोर्मेट मे सेव की गई फाइल लिनक्स और मेक सिस्टम पर भी खुल सकती है.
बहरहाल यदि आप किसी docx फाइल को खोलने में असुविधा महसूस कर रहे हों तो यह साइट http://docx-converter.com/ आपकी मदद कर सकती है. बस इस साइट पर जाइए, अपने सिस्टम से docx फाइल अपलोड करिए और अपना ईमेल एड्रेस डाल दीजिए, और अपना मनचाहा फाइल फोर्मेट चुन लीजिए. उस फोर्मेट में फाइल आपको ईमेल द्वारा प्राप्त हो जाएगी.
पीसी की स्पीड बढ़ाने का राज
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पीसी की स्पीड बढ़ाने का राज
हम सभी को रोजाना ही अपने कंप्यूटर से यह शिकायत रहती है कि यह स्लो हो गया है। इसके लिए हम अक्सर इंटरनेट कनेक्शन को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन सामान्य तौर पर इसकी वजह कुछ और ही होती है। दरअसल, कंप्यूटर को कई बार फ्रैंग्मेंटेशन का रोग लग जाता है। इन दिनों कई कंपनियां ऐसे सॉफ्टवेयर बेच रही हैं, जिनसे इस समस्या का समाधान हो जाता है। रैक्सको, डिस्कीपर, ओएंडओ सॉफ्टवेयर और सिमेंटेक जैसी कंपनियों के डिफ्रैग्मेंटशन सॉफ्टवेयर बाजार में मौजूद हैं।
क्या है फ्रैग्मेंटेशन
कंप्यूटर पर हमें डेटा में जरूरत के मुताबिक हेर-फेर करना पड़ता है। ऐसे में हम अपने डेटा फाइल को खोलकर उसमें बदलाव कर लेते हैं और फिर उसे सेव कर देते हैं। हम जो भी फाइल स्टोर करते हैं वह हार्ड डिस्क पर सेव होती रहती है। फाइल में कोई भी चेंज करने पर उसका स्पेस बढ़ जाता है या फिर घट जाता है और वह पहले वाले स्पेस में फिट नहीं हो पाता है। अगर फाइल पहले वाली फाइल के मुकाबले छोटी है, तो बाकी बचा हिस्सा खाली रह जाता है और नई फाइल बनाते वक्त सीपीयू उसका यूज करता है।
ऐसे में उस फाइल का बचा हुआ हिस्सा फिर एक नई लोकेशन पर सेव होता है। वहीं, अगर फाइल का साइज पहले वाली फाइल के मुकाबले बड़ा है तो बाकी बचा हिस्सा दूसरी लोकेशन पर सेव होगा। इस प्रकार एक ही फाइल कई टुकड़ों में सेव होता है। इस पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटर की भाषा में फ्रैग्मेंटेशन कहते हैं। फ्रैग्मेंटेशन का अर्थ है टुकड़ों में बंटा होना।
क्या होता है असर
जब हम किसी भी फाइल को एक्सेस करते हैं तो कंप्यूटर के सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) को हर जगह से उस फाइल से संबंधित डेटा को जमा करना पड़ता है और इस तरह कंप्यूटर की स्पीड कम हो जाती है। ऐसे में हम यह मानने लगते हैं कि हमारा कंप्यूटर या तो पुराना हो गया है या फिर इंटरनेट कनेक्शन में समस्या है। लेकिन समस्या तो कुछ और ही होती है।
क्या है निजात का तरीका
इससे निजात पाने का एक ही तरीका है, वह है आपके हार्ड डिस्क को डिफ्रैग्मेंट करना यानी टुकड़ों में बांटें। यानी फाइल के हिस्सों को एकसाथ जोड़ना और फिर एक नई लोकेशन पर सेव करना। इसके लिए जानकार यह सलाह देते हैं कि आप अपने कंप्यूटर में डिफ्रैग्मेंटशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। यह सॉफ्टवेयर हार्ड डिस्क पर टुकड़ों-टुकड़ों में बंटे फाइल को एक जगह जमा कर लेता है और इस तरह सीपीयू को फाइल एक्सेस करने में काफी आसानी होती है।
खुद करें डिफ्रैग्मेंटेशन
पीसी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इसके लिए कोई अतिरिक्त सॉफ्टवेयर खरीदने की जरूरत नहीं है। यह उनके ऑपरेटिंग सिस्टम में इनबिल्ट होता है। इसके लिए सिर्फ माई कंप्यूटर पर क्लिक करने के बाद हार्ड डिस्क को सिलेक्ट करना होता है और फिर माउस के राइट क्लिक करने के बाद शेयरिंग एंड सिक्युरिटिज पर क्लिक करना होता है। इसके बाद टूल्स के ऑप्शन पर क्लिक करते ही डिफ्रैग्मेंटशन का ऑप्शन आ जाता है। आप जैसे ही इसे क्लिक करेंगे डिफ्रैग्मेंटशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें कुछ मिनटों का वक्त लगता है, लेकिन आप इसके साथ-साथ काम करते रह सकते हैं।
कंप्यूटर के जानकारों का कहना है कंप्यूटर को डिफ्रैग्मेंट करने से पहले आप कि इसके लिए जरूरी है कि आप क्लीन मैनेजर जरूर चला लें। इससे फायदा यह होगा कि आपके सभी टेंपररी फाइल्स डिलिट हो जाएंगे। बड़े कॉरपोरेट हाउस अपनी सुविधा के मुताबिक डिफ्रैग्मेंटशन सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
घरेलू उपभोक्ताओं को हफ्ते में कम से कम एक बार और कॉरपोरेट हाउस में काम करने वालों को हफ्ते में कम से कम दो बार अपने कंप्यूटर का हार्ड डिस्क जरूर डिफ्रैग्मेंट करना चाहिए।
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सॉफ़्टवेयर फोकट में ?
बिल्लू दी खिड़की यानि कि माइक्रोसॉफ़्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) प्रयोग करते हैं लेकिन सॉफ़्टवेयरों पर पैसे नहीं खर्चना चाहते? तब तो आपके पास दो ही रास्ते हैं, या तो पॉयरेटिड सॉफ़्टवेयर (pirated software) प्रयोग करें या फिर फोकटी सॉफ़्टवेयर (free software) प्रयोग करें। लेकिन पॉयरेटिड सॉफ़्टवेयर क्यों प्रयोग करते हैं, विन्डोज़ के लिए बहुत से फोकटी जुगाड़ उपलब्ध हैं जो कि एकदम टका-टक चलते हैं। आईये देखें आवश्यक कामों को अंजाम देने वाले इन फ्री के जुगाड़ों को:
* एन्टीवॉयरस सॉफ़्टवेयर (Anti-Virus Software) : अब विन्डोज़ प्रयोग करते हों और वॉयरस नाम के जन्तु से परिचित न हों ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अपनी सुरक्षा अपने हाथ में होती है इसलिए सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना चाहिए। वैसे आजकल भारत सरकार भी वॉयरस से सुरक्षा पर बहुत ज़ोर दे रही है, पर वो अलग किस्म का वॉयरस है, उस पर तो ध्यान दीजिए ही, यहाँ भी दीजिए। तो कुछ अच्छे और फोकटी एन्टीवॉयरस सॉफ़्टवेयरों के बारे में मैंने कुछ दिन पहले लिखा था, इसलिए आप उस लेख को पढ़ लें और निश्चय करें कि आपको कौन सा चाहिए।
* फॉयरवॉल (Firewall) : बिल्लू दी खिड़की यानि कि माइक्रोसॉफ़्ट विन्डोज़ (Microsoft Windows) पर्सनल कंप्यूटर बाज़ार में सबसे अधिक प्रयोग होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। यही कारण है कि दुनिया भर में क्रैकर आदि इसमें नई-२ खामियाँ ढूँढ उनको अपने हित के लिए प्रयोग करते हैं। इन सबसे बचने के लिए एन्टीवॉयरस सॉफ़्टवेयर ही काफ़ी नहीं; यदि आपका कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ा हुआ है तो एकाध अच्छी फॉयरवाल होना आवश्यक है। बचाव के लिहाज़ से विन्डोज़ में जो फॉयरवाल लगी हुई आती है उसमें कोई खास दम नहीं होता, इसलिए बेहतर यही है कि दूसरी फॉयरवाल जुगाड़ी जाए और विन्डोज़ वाली को निष्क्रिय कर दिया जाए। इस मामले में मुझे ज़ोन अलार्म का फोकटी वर्ज़न सही लगता है जो कि आपके कंप्यूटर पर चलने वाले किसी भी सॉफ़्टवेयर को इंटरनेट से जोड़ने से पहले आपसे पूछता है और आपके कहे अनुसार काम करता है। इसी तरह यह बाहर से आने वाले हमलों से भी बचाता है, आपकी विन्डोज़ को असुरक्षित बनाने वाले खुले छिद्रों यानि कि पोर्ट्स को बंद करता है। यह कंप्यूटर के रिसोर्स भी कम खाता है और काम बढ़िया करता है। विकल्प के तौर पर कोमोडो फॉयरवाल भी है।
* स्पाईवेयर/मालवेयर रिमूवर (Spyware/Malware remover) : इस काम के लिए तो अपने को फोकटी में एड-अवेयर ही बढ़िया लगता है, बिना झंझट सब साफ़ कर देता है।
* ऑफिस सुईट (Office Suite) : इसमें कोई दो राय नहीं, फोकट के मामले में तो ओपन ऑफिस (Open Office) सबसे बढ़िया जुगाड़ है।
* ब्राउज़र (Browser) : मुख्यधारा के सभी ब्राउज़र फोकट ही हैं चाहे इंटरनेट एक्सप्लोरर (IE7) हो या फायरफॉक्स (FireFox) या ऑपरा (Opera) जो कि आरंभ में फोकटी नहीं होता था। यदि इंटरनेट एक्सप्लोरर का रेन्डरिंग इंजन आपको पसंद है लेकिन उसमें आप फायरफॉक्स जैसी सुविधाएँ चाहते हैं तो मैं सुझाव दूँगा कि एक बार मैक्सथन (Maxthon) का प्रयोग अवश्य करके देखें, यह फायरफॉक्स से बढ़िया है और कई आवश्यक चीज़ें जो फायरफॉक्स में अलग से लगानी पड़ती हैं वे इसमें पहले से ही लगी हुई आती हैं।
* ऑर्काईव/ज़िप सॉफ़्टवेयर (Archive/Zip Software) : ज़िप (zip) अथवा रार (rar) फाइल बनाने या खोलने के लिए विनज़िप या विनरार जैसे कमर्शियल सॉफ़्टवेयर का प्रयोग छोड़ दें और फोकटी सॉफ़्टवेयर 7-zip को अपनाएँ। यह ज़िप (zip) तथा रार (rar) फाइलों के अतिरिक्त अन्य ऑर्काईव फॉर्मेटों को भी खोल सकता है और इसका अपना 7z फॉर्मेट भी है जो कि ज़िप फॉर्मेट के मुकाबले अधिक कंप्रैशन (compression) देता है और फाइलों के यूनिकोड नाम भी सपोर्ट करता है। इसमें आप अपने आप ही खुल जाने वाले सेल्फ-एक्सट्रैक्ट (self-extract) पैकेज भी बना सकते हैं। चूंकि यह फोकटी और मुक्त स्रोत (open source) है इसलिए इसमें कोई विज्ञापन आदि भी नहीं मिलेंगे और यदि आप विजुअल सी++ (Microsoft Visual C++ 6.0) में प्रोग्रामिंग जानते हैं तो इसके सोर्स कोड में अपने अनुसार बदलाव कर इसको अपनी इच्छा अनुसार भी बना सकते हैं।
* म्यूज़िक प्लेयर (Music Player) : कंप्यूटर पर संगीत आदि सुनने के लिए विनऐम्प (winamp) से बढ़िया कोई जुगाड़ नहीं। वर्षों से यह फोकटी सॉफ़्टवेयर लाखों लोगों को गाने सुनाता आ रहा है, इसके लिए सैकड़ों फोकट की थीम और अनेकों अलग-२ कार्य करने वाले प्लगिन उपलब्ध हैं। अगर आपको आईट्यून्स (iTunes) जैसा ज्यूकबॉक्स सॉफ़्टवेयर चाहिए तो उसके लिए foobar2000 सबसे बेहतर फोकटी जुगाड़ उपलब्ध है।
* वीडियो प्लेयर (Video player) : वीडियो चलाने के मामले में वीएलसी प्लेयर (VLC Player) एक बेहतरीन फोकटी सॉफ़्टवेयर है। वीएलसी प्लेयर का सबसे बढ़िया लाभ यह है कि यह किसी भी एनकोडिंग (encoding) की वीडियो फाइल चला सकता है बिना उस कोडेक (codec) की आपके कंप्यूटर पर मौजूदगी के। विकल्प के तौर पर एक अन्य बेहतरीन मीडिया प्लेयर सॉफ़्टवेयर है मीडिया प्लेयर क्लॉसिक (Media Player Classic), इसे विन्डोज़ मीडिया प्लेयर न समझें यह एक ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर है। परन्तु इसमें वीडियो आप तभी चला सकते हैं जब उस वीडियो का कोडेक आपके कंप्यूटर पर मौजूद हो। लेकिन कोडेक के लिए आपको टेन्शन लेने की आवश्यकता नहीं क्योंकि उसके लिए आप डाउनलोड और इंस्टॉल कीजिए के-लाइट मेगा कोडेक पैक (K-Lite Mega Codec Pack) जो कि एक फोकटी कोडेक पैक है जो कि आपके कंप्यूटर पर सभी वीडियो और ऑडियो कोडेक इंस्टॉल कर देगा जिससे आप किसी भी तरह की वीडियो अथवा ऑडियो फाइल का आनंद ले पाएँगे। मीडिया प्लेयर क्लॉसिक भी इसी कोडेक पैक के साथ आता है इसलिए आपको उसे अलग से डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं, बस इस कोडेक पैक को डिफॉल्ट (default) सैटिंग पर इंस्टॉल कीजिए और निश्चिंत हो जाईये। :tup:
* पीडीएफ़ रीडर (PDF Reader) : क्या आप आज भी अडोबी रीडर को प्रयोग कर रहे हैं? भूल जाईये उसे और प्रयोग कीजिए फॉक्सिट रीडर (Foxit Reader) को जो कि पीडीएफ़ फाइलें पढ़ने के लिए एक फोकट का जुगाड़ है और बिजली सी तेज़ गति से तुरंत खुलता है, अडोबी रीडर की भांति साल भर इंतज़ार नहीं कराता। और अब तो फॉक्सिट रीडर में टैब की सुविधा भी आ गई है यानि कि आप एक से अधिक पीडीएफ़ फाइलें एक ही खिड़की में खोल के रख सकते हैं।
* पीडीएफ़ राइटर (PDF Writer) : क्या आपको पीडीएफ़ फाइलें बनानी हैं और वह भी फोकट में? महंगे अडोबी एक्रोबैट की एडवांस सुविधाएँ यदि आपको नहीं चाहिए और सिर्फ़ पीडीएफ़ फाइल बनानी हैं तो आपके पास फोकटी के विकल्प मौजूद हैं। पीडीएफ़ क्रिएटर (PDFCreator) एक फोकट का ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर है जो कि आपको हर उस सॉफ़्टवेयर से पीडीएफ़ बनाने देता है जिस सॉफ़्टवेयर से आप प्रिंट कर सकते हैं। यानि कि आप किसी वेब पेज को पीडीएफ़ में बदल सकते हैं(जैसे किसी लेख आदि को जिसे आप सहेज कर रखना चाहते हों), अपने किसी वर्ड डॉक्यूमेन्ट अथवा एक्सेल शीट को भी पीडीएफ़ में तब्दील कर सकते हैं। विकल्प के तौर पर क्यूट पीडीएफ़ राइटर (CutePDF Writer), पीडीएफ़995 (Pdf995) और प्राइमो पीडीएफ़ (PrimoPDF) उपलब्ध हैं।
* इमेज एडिटर (Image Editor) : यदि आप अडोबी फोटोशॉप आदि जैसे कमर्शियल इमेज एडिटिंग सॉफ़्टवेयर का फोकटी विकल्प देख रहे हैं तो जिम्प (GIMP) से बढ़िया कोई फोकटी जुगाड़ आपको कदाचित् ही मिले। यह ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर फोकटी जुगाड़ के रुप में बेहतरीन है और इसमें अतिरिक्त सुविधाओं को प्रदान करने के लिए सैकड़ों फोकटी प्लगिन उपलब्ध हैं। विकल्प के तौर पर पेन्ट डॉट नेट (Paint.net) के रुप में एक अन्य बढ़िया फोकटी जुगाड़ उपलब्ध है। यह भी एक ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर है जिसे कि कुछ पूर्वस्नातक (under-graduate) कॉलेज छात्रों ने माइक्रोसॉफ़्ट की छत्रछाया में अपने प्रोजेक्ट के लिए बनाया था विन्डोज़ के साथ आने वाले पेन्ट सॉफ़्टवेयर के विकसित वर्ज़न के रुप में और आज इसको उन्हीं छात्रों के समूह के कुछ प्रोग्रामर विकसित करते हैं। यह जिम्प जितना विकसित नहीं है लेकिन आम इमेज एडिटिंग आवश्यकताओं के लिए एक अच्छा सॉफ़्टवेयर है।
* फोटो मैनेजर (Photo Manager) : सभी डिजिटल फोटो आदि को मैनेज करने के लिए गूगल बाबा का पिकासा (Picasa) एक बेहतरीन सॉफ़्टवेयर है।
* फाइल रिकवरी (File Recovery) : क्या आपसे कोई आवश्यक फाइल अनजाने में डिलीट हो गई और वह आपके कंप्यूटर के कूड़ेदान (Recycle Bin) से भी साफ़ हो गई? तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है और महंगे फाइल रिकवरी सॉफ़्टवेयरों के दाम देख अपनी जेबों को टतोलने की भी आवश्यकता नहीं है। डिलीट हो चुकी फाइलों को वापस प्राप्त करने के लिए पेश है फोकट का जुगाड़ रिकूवा (Recuva); इसे किसी जड़ी-बूटी हर्बल दवा आदि से कंनफ्यूज़ न करें, यह एक फोकट का सॉफ़्टवेयर है जो कि आपकी डिलीट हो चुकी फाइलों को वापस पाने में आपकी सहायता कर सकता है।
* फाइल कॉपी (File Copy/Paste) : फाइलें आदि एक फोल्डर से दूसरे फोल्डर अथवा एक ड्राइव से दूसरी ड्राइव में स्थानांतरित या कॉपी करने के लिए विन्डोज़ का घरेलू ड्राइवर बहुत ही सुस्त और ढीले टाइप का है, बहुत टाइम लेता है। यदि बड़ी फाइल कॉपी कर रहे हैं तो कंप्यूटर पर अमूमन कुछ अन्य काम करना तो भूल ही जाईये उस दौरान, और यदि बीच में एकाएक कंप्यूटर पर कुछ करने की नौबत आ जाए तो कॉपी को रद्द करना पड़ता है और फिर शुरु से दोबारा चालू करना पड़ता है। अब इन्हीं सभी मर्ज़ों की दवा है टैराकॉपी जो कि विन्डोज़ के लिए एक ड्राईवर है जिसके द्वारा बड़ी फाइलों को कॉपी-पेस्ट (copy-paste) करने में समय तो कम लगता ही है, साथ ही आप कॉपी हो रही फाइल को बीच में ही रोक सकते हैं, अपना कुछ अन्य कार्य करना चाहते हैं तो वह कर सकते हैं और बाद में पुनः कॉपी को चालू कर सकते हैं वहीं से जहाँ वह रोकी गई थी। साथ ही आप कंप्यूटर में अलग-२ जगहों से कॉपी कर अलग-२ जगह पर चिपका सकते हैं, सभी फाइल एक कतार में लग जाएँगी और एक के बाद एक कॉपी होती जाएँगी, कौनो टेन्शन ही नहीं। इंस्टॉल करने पर यह विन्डोज़ के घरेलू ड्राइवर की जगह अपने को डिफॉल्ट ड्राइवर सैट कर सकता है ताकि आपको इसे अलग से चलाने का झंझट ही न हो, यदि आपको यह पसंद न आए तो इसको अन-इंस्टॉल कर दें और आपका विन्डोज़ का पुराना ड्राइवर वापस अपनी जगह पर आ जाएगा।
आशा है कि आप सभी इन मुफ़्त के सॉफ़्टवेयरों का प्रयोग कर इनका लाभ उठाएँगे। :tup:
यदि कोई आवश्यक मुफ़्त का सॉफ़्टवेयर इस सूचि में नहीं है तो टिप्पणी कर अवश्य बताईये। यदि इनमें से किसी भी सॉफ़्टवेयर के साथ आपका अच्छा या बुरा अनुबव है तो कृपया टिप्पणी कर उसे सभी के साथ बाँटिए ताकि अन्य लोग भी आपके अनुभव से लाभांवित हों।